श्री रामचंद्र भगवान हमारे धर्म और संस्कृति के महान देवताओं में से एक हैं। उन्हें हिंदू धर्म के चौथे अवतार, भगवान विष्णु के सातवें अवतार के रूप में माना जाता है। राम की कहानी हमारे जीवन को मार्गदर्शन और प्रेरणा प्रदान करती है।
**राम का जन्म:**
राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। उनके पिता का नाम राजा दशरथ था और माता का नाम कौसल्या था। वे चारों भाइयों में बड़े थे। लक्ष्मण, भरत, और शत्रुघ्न उनके तीनों भाइयों थे।
**बाल्यकाल:**
राम की बाल्यकाल की कई कथाएं उनकी मासूमियत और भोलापन को दर्शाती हैं। उनका बचपन काफी प्रेम से भरा हुआ था। बाल्यकाल में ही उनके गुणों और धर्म की जीवन में अभिव्यक्ति होने लगी थी।
**वनवास:**
राम, सीता और लक्ष्मण का वनवास काफी विदाईपूर्ण रहा। वनवास के दौरान राम ने अनेक कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उन्होंने हमेशा धर्म का पालन किया।
**सीता हरण और लंकाप्रस्थ:**
रावण ने सीता का हरण किया और उसे लंका ले गया। राम, लक्ष्मण और हनुमान की मेहनत और साहस से रावण को मारकर सीता को मुक्ति दिलायी। लंका का नाश हो गया और वे अयोध्या लौटे।
**रामराज्य:**
राम अयोध्या में वापस आए और वहां उन्होंने न्याय, शांति और समृद्धि की स्थापना की। उनके शासनकाल को 'रामराज्य' कहा जाता है जो न्याय और समृद्धि का प्रतीक है।
**रामायण:**
वाल्मीकि जी द्वारा रचित 'रामायण' भगवान राम की कथा को समर्थन करता है। यह ग्रंथ धर्म, नैतिकता, प्रेम और समर्पण के महत्वपूर्ण संदेशों से भरा हुआ है।
**राम के गुण:**
राम के धर्मपरायण जीवन, त्याग, सहानुभूति और न्यायप्रिय व्यवहार उनकी महिमा को और भी विशेष बनाते हैं। उनके गुणों की प्रशंसा भगवान राम की पूजा का महत्त्व बढ़ाती है।
**राम की भक्ति:**
राम की भक्ति में लोग शांति और सद्गति की प्राप्ति का मार्ग देखते हैं। उनकी पूजा, उनके गुणों के गान, और उनके लीलाओं का स्मरण भक्तों को आनंद, शांति और समृद्धि प्रदान करता है।
**समापन:**
भगवान राम हमारे जीवन के मार्गदर्शक हैं। उनकी कथा हमें सच्चाई, धर्म, और न्याय के महत्त्व को समझाती है। उनकी पूजा, भक्ति और गुणवत्ता को याद करते हुए हम उनके मार्ग पर चलकर एक उच्च जीवन जी सकते हैं।
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